हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, फ्रांस ने गाज़ा की फिलिस्तीनी आबादी के किसी भी जबरन विस्थापन के विरोध की पुष्टि की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा की गई टिप्पणी पर कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए निंदा की।
ट्रम्प ने मंगलवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह टिप्पणी की लेकिन पुनर्वास प्रक्रिया का संचालन कैसे किया जाए इस बारे में विवरण नहीं दिया।
फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि गाजा की फिलिस्तीनी आबादी का जबरन विस्थापन अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन होगा और फिलिस्तीनियों की वैध आकांक्षाओं पर हमला होगा मंत्रालय ने कहा कि यह दो-राज्य समाधान के लिए एक बड़ी बाधा भी होगी और पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर सकती है।
मंत्रालय ने कहा,फ्रांस दो-राज्य समाधान के कार्यान्वयन को सक्रिय रूप से बढ़ावा देना जारी रखेगा जो अकेले इजरायलियों और फिलिस्तीनियों को दीर्घकालिक शांति और सुरक्षा की गारंटी दे सकता है।
इसमें आगे कहा गया गाजा का भविष्य किसी तीसरे राज्य द्वारा नियंत्रण की संभावना में नहीं बल्कि फिलिस्तीनी प्राधिकरण के तत्वावधान में भविष्य के फिलिस्तीनी राज्य के ढांचे में निहित होना चाहिए।
पीएलओ की कार्यकारी समिति के महासचिव हुसैन अलशेख ने एक प्रेस बयान में कहा कि संगठन हमारे लोगों को उनकी मातृभूमि से विस्थापित करने के सभी आह्वानों को स्पष्ट रूप से खारिज करता है।उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कानून पर आधारित दो-राज्य समाधान शांति और स्थिरता के लिए एकमात्र व्यवहार्य मार्ग है।
उन्होंने कहा,हम यहां पैदा हुए हैं, हम यहां रहते हैं और हम यहां रहेंगे उन्होंने फिलिस्तीनियों के साथ खड़े होने के लिए अरब देशों को कहा हैं।
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